पपीता पौधा

VERTIGO AGRICULTURE

पपीता पौधा

एक एकड़ खेत में पपीते के पौधों की आवश्यकता 1 एकड़ खेत में 43560 वर्ग फुट होते हैं यदि आप 1 एकड़ खेत में प्लांटेशन करना चाहते हैं, तो हम आपको सलाह देते हैं की आप 5x7 पर प्लांटेशन करे , यानि की पौधे से पौधे की दूरी 5x5 फीट और लाइन से लाइन की दूरी 7x7 फीट पर प्लांटेशन करे , तो आपको एक एकड़ में 1250 प्लांट्स की आवश्यकता पड़ेगी, और यदि आप ये डिस्टेंस 5x10 रखते हैं तो आपको 900 प्लांट्स की आवश्यकता पड़ेगी , यानि पौधे से पौधे की दूरी 5x5 फीट और लाइन से लाइन की दूरी 10x10 फीट रखते हैं, दूरी का चुनाव क्षेत्रफल की दृष्टि से करना आवश्यक हैं , अगर आप 1 एकड़ खेत में प्लांटेशन करना कहते हैं तो आप 5x7 फीट पर प्लांटेशन करे और अगर आप बड़े पैमाने पर खेती करना चाहते हैं जैसे की 5 एकड़ या 5 एकड़ से ज्यादा तो आप 5x10 फीट पर प्लांटेशन करे | मुख्य कारण ये हैं कि अगर आप 5x7 फीट पर प्लांटेशन करते हैं तो आप खरपतवार के लिए छोटा टेक्टर चला सकोगे जिससे खरपतवार को आसानी से खेत से निकाल पाओगे और दवाईया लगाने में , खाद लगाने में काफी आसानी होगी और लेवर खर्च कम से कम होगा | पपीते की खेती में आपको 1 बात पर विशेष ध्यान देना होगा कि जब शुरुवाती दौर में पपीते के पौधों की रुपाई होती हैं तो पपीते के पौधों में मोटिलिटी आती हैं यानि पौधे लगाने के बाद 10 से 15 दिन के भीतर-भीतर पौधे गल कर मरते हैं आप मान कर चलिए की 15-20 प्रतिशत मोटिलिटी आ जाती हैं मोटिलिटी आने का सबसे बड़ा कारण होता हैं पानी का असंतुलन, अगर पानी असंतुलन लग गया तो पौधा गल कर मर जाता हैं जिसके लिए आप अपने ऑडर में कम से कम 20 प्रतिशत एक्स्ट्रा पौधे ऑडर कर के चले ताकि खेत में मोटिलिटी आने के बाद खेत खाली ना रहे और जैसे-जैसे मोटिलिटी आती हैं आप पौधों को रिप्लेस कर सके |

वॉयरस फ़्री फल
ताजा और स्वस्थ
100% ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक
...

पौधे लगाने का सही समय

पौधे लगाने से पहले खेत की अच्छी तरह तैयारी करके खेत को समतल कर लेना चाहिए ताकि पानी न भर सकें। 1 एकड़ खेत में 5 ट्रॉली सड़ी हुई गोबर की खाद डाले और फिर गहरी जुताई करके पानी चला दें, और फिर लगभग एक सप्ताह बाद जुताई मिलते ही , 2-3 बार खेत को अच्छे से जोत कर आवश्यकतानुसार (5-7, 5-10 फिट ) की दूरी पर बेड/डोल बना दें! मेड की चौड़ाई 1.5-2 फिट और ऊचाई 1 फिट रखे , उत्तरी भारत में पौधा रोपण का सही समय मार्च, अप्रैल, मई और सितंबर ,अक्टूबर में लगाये जाते हैं !

...

पपीते के फलों से पपेन निकालने की विधि व उत्पादन

साधारणत: पपेन को पपीते के कच्चे फलों से निकला जाता है। पपेन के लिए 90-100 दिन विकसित कच्चे फलों का चुनाव करना चाहिए। कच्चे चुने हुए फलों से सुबह 3 मि.मी. गहराई के 3-4 चीरे गोलाई आकार में लगाने चाहिए। इसके पूर्व पौधों पर फलों से निकलने वाले दूध को एकत्रित करने के लिए प्लास्टिक के बर्तन को तैयार रखना चाहिए। फलों पर प्रथम बार के ( चीरा लगाने के बाद ) 3-4 दिनों बाद पुन: चीरा लगाकर पपेन एकत्रित करना चाहिए। पपेन (दूध) प्राप्त होने के बाद उसमे 0.5 प्रतिशत पोटेशियम मेन्टाबाई सल्फेट परिरक्षक के रूप में मिलाना चाहिए ताकि पपेन को 3-4 दिन तक सुरक्षित रखा जा सके। पपेन को अच्छी तरह सुखाकर पपेन को प्रसंस्करण केंद्र को भेजा जा सकता है।

कृषि विशेषज्ञों की सलाह
Vertigo Agriculture

Top